Samay Badal Gya hai Hindi Kavita
पहले मैं रात को लालटेन से पढता था
अब एलईडी से पढने लगा हूँ
पहले हर चीज मुझे साफ़ साफ़ दिखती थी
अब लेंस धारी चश्मा पहनने लगा हूँ.
अब एलईडी से पढने लगा हूँ
पहले हर चीज मुझे साफ़ साफ़ दिखती थी
अब लेंस धारी चश्मा पहनने लगा हूँ.
पहले फिल्मे दूरदर्शन पर कभी कभी देखता था
अब मोबाइल में हर रोज फिल्मे देखने लगा हूँ
पहले अखबार आने का घंटो इन्तजार रहता था
अब एप्पस से हर पल की न्यूज़ पढने लगा हूँ.
अब मोबाइल में हर रोज फिल्मे देखने लगा हूँ
पहले अखबार आने का घंटो इन्तजार रहता था
अब एप्पस से हर पल की न्यूज़ पढने लगा हूँ.
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पहले दादी के पास बैठ कर कहानियां सुनता था
अब ऑनलाइन ही कहानियां सुनने लगा हूँ
पहले पापा के साथ शॉपिंग करने जाता था
अब घर बैठे ही शॉपिंग करने लगा हूँ.
अब ऑनलाइन ही कहानियां सुनने लगा हूँ
पहले पापा के साथ शॉपिंग करने जाता था
अब घर बैठे ही शॉपिंग करने लगा हूँ.
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पहले होली के दिन खूब रंग खेलता था
अब रंगों से बच कर रहने लगा हूँ
पहले खूब पुआ, पकौड़ी, आलू चाप खाता था
अब पेट में गैस एसिडिटी पालने लगा हूँ.
अब रंगों से बच कर रहने लगा हूँ
पहले खूब पुआ, पकौड़ी, आलू चाप खाता था
अब पेट में गैस एसिडिटी पालने लगा हूँ.
– Raj kumar Yadav